PATNA : बिहार (Bihar) में कोरोना की तीसरी लहार की इंट्री के बाद जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इस बार पटना में 120 निजी अस्पतालों में कोरोना उपचार की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए सभी निजी अस्पतालों ने आवेदन दिए थे, जिनका सत्यापन किया जा रहा है. इसके बाद प्रशासन की ओर से तय किया जाएगा कि कितने निजी अस्पतालों में कोविड के मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध होने वाली है.
पिछली बार ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए इस बार तीन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं, इसलिए वहां सिलेंडर सप्लाई नहीं की जाएगी. दूसरी लहर के समय इन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में प्रतिदिन तीन हजार ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई किए जाते थे. ये सिलेंडर अब निजी अस्पतालों के लिए रखे जायेंगे.
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की भरपूर तैयारी कर लें. आवश्यकता पड़ने पर मरीजों के भर्ती, ऑक्सीजन सप्लाई आदि की व्यवस्था में कोई परेशानी न हो. डीएम ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना के भर्ती मरीजों का सही तरीके से उपचार हो रहा है कि नहीं इसकी भी निगरानी की जाएगी.
इधर एनएमसीएच में सौ और पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स स्टेडियम में कोविड केयर सेंटर में भी 100 बेड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा पीएमसीएच और एम्स में भी कोरोना मरीजों के लिए बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है. कोरोना की दूसरी लहर के समय मरीजों एवं उनके परिजनों के द्वारा की गई शिकायत के बाद छापेमारी के बाद नौ ऐसे निजी अस्पताल चिन्हित किए गए हैं, जिसमें फिलहाल कोरोना मरीजों के उपचार पर रोक लगाई गई है.
स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर ऐसे अस्पतालों का नाम हटा दिया गया है. इन अस्पतालों की जगह नए अस्पताल चयनित किए जा रहे है. सिविल सर्जन का कहना है कि जिन निजी अस्पतालों पर रोक है, वहां निरीक्षण किया जाएगा कि वे कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे हैं या नहीं. डीडीसी रिची पांडेय का कहना है कि वर्तमान समय में पटना में प्रतिदिन 12 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन हो रहा है.
उन्होंने बताया कि दूसरी लहर के समय जब कोरोना के मरीजों की संख्या अधिकतम थी, उस समय प्रतिदिन नौ हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत होती थी. लेकिन अब जरूरत से अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध है, इसलिए यह खा जा रहा है कि इस बार परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.