सरकार ने एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत ओला, उबर सहित राइड-हेलिंग ऐप लाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 की आवश्यकताओं और प्रावधानों के अनुसार मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश 2020 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के संशोधित खंड 93 के अनुसार जारी किया।
ग्राहकों की सुरक्षा का रखा जाएगा विशेष ख्याल
यह दिशानिर्देश ग्राहक सुरक्षा और ड्राइवर कल्याण सुनिश्चित करते हुए एग्रीगेटर्स को उनके संचालन के लिए जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने के प्रयास में जारी किए गए हैं। ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियां पीक आवर्स के दौरान किराए में कई गुना बढ़ोतरी कर देती हैं। अब सरकार ने इन कंपनियों के ऊपर मांग बढ़ने पर किराए बढ़ाने की एक सीमा लगा दी है। अब ये कंपनियां मूल किराए के डेढ़ गुने से अधिक किराया नहीं वसूल सकेंगी।
दिशानिर्देश
गाइडलाइंस के अनुसार अब हर ड्राइव पर ड्राइवर को 80% किराया मिलेगा, जबकि कंपनियों के पास 20% ही किराया जाएगा। एग्रीगेटर को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस का राज्य सरकारों को पालन करना होगा। लाइसेंस की जरूरतों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए, एक्ट के सेक्शन 93 के तहत जुर्माने का प्रावधान है।
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