DESK : केंद्रीय विद्यालयों (Kendriya Vidyalaya) में दाखिले के लिए सांसदों को मिलने वाले 10 सीटों के कोटे पर केंद्र सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कोटा पिछले साल ही खत्म किया जा चुका है। इसके तहत 450 विद्यार्थियों को दाखिला देने की व्यवस्था थी।
सूत्रों का कहना है कि सरकार मामले पर एक समिति गठित कर इसे तर्कसंगत बनाने के उपाय करेगी। इसलिए सांसदों के कोटे पर रोक लगा दी गई है। आगे कोटा बहाल होगा या खत्म हो जाएगा कहना मुश्किल है। केवी में कुछ संस्थाओं,पदाधिकारियों के भी प्रवेश कोटे है, वे भी फिलहाल स्थगित रहेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा कई सांसदों को यह जानकारी दी गई है कि वे कोटे के तहत दाखिले की सिफारिश न भेजें। मामले पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि क्या हम अपने अधिकार का प्रयोग कुछ लोगों के लिए करेंगे या फिर सभी के लिए समान काम करेंगे।
राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय विद्यलयों में सांसद और डीएम कोटे से होने वाले लगभग 30 हजार दाखिले पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया और मांग की कि यह कोटा स्थायी रूप से समाप्त किया जाए।
सुशील मोदी ने कहा कि कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के निर्णय से इन सीटों पर भी एससी-एसटी, ओबीसी कोटे से हर साल 15 हजार छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। कहा कि वे सांसद- कलक्टर कोटे से दाखिला बंद करने की मांग करते रहे हैं। सदन में भी यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि दाखिला को कोटा मुक्त करने से आरक्षण और योग्यता के आधार पर नामांकन के लिए एक झटके में 30 हजार सीटें बढ़ जाएंगी।
सुशील मोदी ने कहा कि यह कोटा जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी का कारण बन गया था। अपने कोटे से सांसद केवल दस दाखिला करा सकता था, जबकि लाभ चाहने वालों की संख्या सैकड़ों में होती थी।