PATNA : बिहार (Bihar) में शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. बिहार के सरकारी स्कूलों में बीपीएससी (BPSC) द्वारा की जा रही हेडमास्टर की बहाली में शिक्षक पात्रता परीक्षा टीचर को भी आवेदन करने योग्य माना गया है. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने खुद कहा है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा के पहले जो शिक्षक दक्षता परीक्षा पास कर चुके हैं, वे भी प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक के लिए आवेदन दे सकते हैं.
दरअसल, बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक मीना कुमारी और अन्य सदस्यों ने इस मामले को सरकार के सामने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया. जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने माना कि बिहार लोक सेवा आयोग () की ओर से निकाली गई रिक्तियों में विसंगतियां थी. उन्होंने कहा कि जब शिक्षक पात्रता परीक्षा 2012 को हुआ तो फिर इसके पहले कोई पात्रता परीक्षा कैसे पास कर सकते हैं. इसलिए बीपीएससी के मूल विज्ञप्ति में संशोधन किया गया है.
शिक्षा मंत्री ने 2012 के बाद वालों को पात्रता परीक्षा तो इसके पहले वाले वर्षों में नियुक्त शिक्षकों को दक्षता परीक्षा पास करना जरूरी किया गया है. बीपीएससी को इसकी सूचना दे दी गई है. इसी के आधार पर 30 मार्च को आवेदन की अंतिम तिथि थी, जिसे बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दिया गया है. ताकि छूटे हुए अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकें.
इसके अलावा मंत्री शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि जिन 11 विधि महाविद्यालयों की सम्बद्धता समाप्त हो गई है, उसे फिर से बहाल करने के लिए सरकार प्रयासरत है. विश्वविद्यालयों से रोस्टर क्लीयरेंस मांगा गया है. जैसे ही रिक्तियों की सूचना आएगी, सरकार उसपर काम करेगी. गौरतलब है कि सदन में भाजपा विधायक संजय सरावगी और नीतीश मिश्रा के ध्यानाकर्षण के जवाब में शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में यह जानकारी दी.
दरअसल ध्यानाकर्षण में कहा था कि राज्य के 28 विधि महाविद्यालय में से 11 की सम्बद्धता समाप्त हो गई है. इसमें से दो अंगीभूत महाविद्यालय भी हैं. इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की अनुपलब्धता, आधारभूत संरचनाओं में कमी आदि के आधार पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया और पटना उच्च न्यायालय ने नामांकन पर रोक लगा दिया है. विभाग ने सभी विवि से रोस्टर क्लीयरेंस की मांग की है. अब तक किसी विवि से इसकी सूचना नहीं मिली है.