PATNA : बिहार के सरकारी स्कूलों में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा की जा रही हेडमास्टर की बहाली में अब डीपीई कोर्स करने वाले भी आवेदन कर सकते हैं. शिक्षा विभाग ने इसकी जानकारी दी है. विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी गई है कि DPE यानि कि Diploma in Primary Education Courses करने वाले भी प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर की बहाली में आवेदन दे सकते हैं. इन्हें इस भर्ती परीक्षा के लिए योग्य माना गया है.
शुक्रवार को ही शिक्षा विभाग द्वारा इसकी मान्यता दे दी गई है कि बिहार लोक सेवा आयोग (B.P.S.C) के माध्यम से सूबे के प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति में डीपीई प्रशिक्षित शिक्षकों की योग्यता को भी मान्य है. शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2021 के नियम 6 में इस पद पर नियुक्ति हेतु अनिवार्य अर्हता निर्धारित की गयी है.
बताया गया है कि नियमावली में मान्यता प्राप्त संस्था से डीएलएड, बीटी, बीएड, बीएएड, बीएससीएड, बीएलएड उत्तीर्ण होना अंकित है. 2003 से 31 मार्च 2015 तक की अवधि में नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षकों को विभाग द्वारा सेवाकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई. सेवाकालीन प्रशिक्षण के रूप में दो वर्षीय डीपीई (छह माह के संवर्द्धन कोर्स के साथ) कराया गया है.
छह माह के संवर्द्धन कोर्स के साथ डीपीई को डीएलएड के समरूप माना गया है. इस सेवाकालीन प्रशिक्षण के आधार पर संबंधित प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान की स्वीकृति भी दी गई है.
उधर भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की 94 हजार बहाली के क्रम में छूटी नियोजन इकाइयों में विशेष चक्र को पूरा करने की छूट शर्तों के साथ दी है. इसको लेकर प्रारंभिक निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिलों को निर्देश दिया है. नियुक्ति की प्रकिया में न तो किसी राजनीतिक व्यक्ति की मौजूदगी रहेगी न ही इसका राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल होगा.
निदेशक ने जिलों को 9 अप्रैल तक अंतिम रूप से चयनितों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन का निर्देश दिया है. ताकि कैंप लगाकर नियुक्ति पत्र बांटा जा सके. हालांकि इसकी अभी तिथि जिलों को निदेशक ने नहीं बताई है.