PATNA : गुरूवार को बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। इस दौरान बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वज्रपात के कारण होनेवाली मानव क्षति को कम करने हेतु तैयार की गई कार्य योजना की प्रस्तुति दी गई।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए बनायी गई कार्य योजना, एसडीआरएफ के आवासन की व्यवस्था आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में बाढ़ आपदा के दौरान चलायी जानेवाली सामुदायिक किचन मॉडल की प्रशंसा की है। इस बैठक में सीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग में एसडीआरएफ में और भी लोगों की बहाली करनी होगी।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पिछले दो वर्षों में वज्रपात से होने वाली मृत्यु की जिलावार मासिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वज्रपात / उनका से बचाव को लेकर जोखिम न्यूनीकरण योजना पर काम किया जा रहा है। इस बैठक में सीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग में एसडीआरएफ में और भी लोगों की बहाली करनी होगी।
वहीं, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पिछले 2 वर्षों में वज्रपात से होने वाली मृत्यु की जिलावार मासिक जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वज्रपात से लोगों के बचाव को लेकर योजना पर काम किया जा रहा है.
इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य हमेशा आपदा से प्रभावित रहता है. यहां कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है. आपदा में किसी को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो इसका हमलोग पूरा ध्यान रखते हैं. इसलिए एनडीआरएफ की टीम को हमलोगों ने राज्य में मंगवाया है. हालांकि लोगों की मदद के लिए एसडीआरएफ का भी गठन किया गया है.
इसके साथ ही सीएम(CM)नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी ढंग से राहत के साथ बचाव कार्यों के संचालन के लिए स्थायी तौर पर कार्य करें. किए गए पुराने कार्यों और अनुभव को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाकर काम करें. साथ ही उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ में कर्मियों की संख्या और बढ़ाएं और उनको बेहतर प्रशिक्षण दिलवाएं. पिछले 14 वर्षों में प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के आधार पर स्थल का चयन कर रिस्पांस फैसिलिटी कम ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करें ताकि आपदा की स्थिति में जल्द से जल्द लोगों को राहत मिल सके.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वज्रपात से होने वाली क्षति को कम करने के लिए कार्य करें. वज्रपात से सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करें. इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करवाएं. बच्चे और बच्चियों को सरल भाषा में इसके संबंध में जानकारी दें. साथ ही सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उन्नयन बिहार के पाठ्यक्रम में वज्रपात से सुरक्षा से संबंधित जानकारी को भी शामिल करें.