PATNA : बिहार (Bihar) के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में कहा कि राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों से पीजी और डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों से बांड के तहत तीन वर्षों की अनिवार्य सेवा ली जानी है. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा पीजी/ डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों का परीक्षाफल दिसम्बर 2021 में प्रकाशित किया गया है.
इनमें दो तरह के चिकित्सक हैं-चिकित्सा और चिकित्सा सेवा वाले दोनों के पदस्थापन की अलग-अलग प्रक्रिया है. खजौली के भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद के अल्पसूचित सवाल का जवाब देते हुए मंत्री श्री पांडेय ने कहा कि 312 पीजी/ डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्रों को 23 फरवरी 2022 के आदेश से विभिन्न चिकित्सा संस्थान आवंटित किये गये हैं. शेष 138 चिकित्सकों को संस्थान आवंटन प्रक्रियाधीन हैं. उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी.
इधर भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा के सवाल पर योजना विकास विभाग के मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन के पश्चात इसका रखरखाव (मेंटिनेंस) प्रशासी विभाग द्वारा कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि 24 मार्च 2021 के द्वारा इसका प्रावधान किया गया है.
सृजित परिसंपत्तियां प्रशासी विभाग को हस्तांतरण के उपरांत इसके अनुरक्षण एवं रखरखाव के लिए प्रशासी विभाग द्वारा अलग विषय शीर्ष खोलकर प्रत्येक वर्ष बजट प्रावधान कराया जाएगा. मंत्री के इस सवाल पर प्रश्नकर्ता समेत कई सदस्यों ने कहा कि गाइड लाइन सदस्यों को उपलब्ध कराया जाए क्योंकि जानकारी के अभाव में इस योजना के अधीन बनी कई इमारतों और सड़कों का रखरखाव नहीं हो पा रहा है.