PATNA : बिहार (Bihar) विद्यालय परीक्षा समिति यानि कि बीएसईबी ने देश भर में सबसे पहले परीक्षा का आयोजन किया और रिजल्ट भी प्रकाशित किया. बिहार बोर्ड को अब इसका फ़ायदा मिल रहा है. दरअसल बोर्ड के इस कदम से छात्रों की विश्वसनीयता बढ़ी है. सीबीएसई और सीआईएससीई से पास स्टूडेंट भी बिहार बोर्ड की ओर अपना रुख कर रहे हैं. इस साल दूसरे बोर्ड से मैट्रिक पास 1.18 लाख स्टूडेंट ने बिहार बोर्ड में एडमिशन लिया है, जो कि पिछले साल की तुलना में 16 हजार अधिक है.
पड़ोसी देशों के साथ अन्य राज्यों के बोर्ड से 10वीं सफल स्टूडेंट्स बिहार बोर्ड में एडमिशन को लेकर उत्साहित हैं. इस बार नए सत्र में बिहार बोर्ड के कॉलेजों में इंटर में एडमिशन के लिए देश के करीब 25 से अधिक बोर्डों के विद्यार्थियों ने आवेदन किया है. बिहार बोर्ड ने कहा है कि परीक्षा सुधारों के बाद समय पर परीक्षाओं के आयोजन और रिजल्ट प्रकाशित करने से देश-विदेश के कई परीक्षा बोर्डों से मैट्रिक उत्तीर्ण विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड के प्रति विश्वास बढ़ा है.
आपको बता दें कि इस वर्ष विभिन्न राज्यों से मैट्रिक पास एक लाख 18 हजार 597 स्टूडेंट ने ऑनलाइन फैसिलिटेशन सिस्टम फॉर स्टूडेंट्स के माध्यम से बिहार बोर्ड के संस्थानों में एडमिशन लिया है. 2020 में भी देश के अन्य बोर्डों के मैट्रिक सफल 1 लाख 2 हजार 288 विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड के इंटर कक्षा में एडमिशन लिया था . पिछले साल की तुलना में इस बार दूसरे बोर्ड के 16 हजार 309 विद्यार्थियों ने अधिक एडमिशन लिया है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा तकनीक आधारित किये गये परीक्षा सुधारों तथा समय पर परीक्षाओं का आयोजन करते हुए लगातार 3 वर्षों से रिकॉर्ड समय में देश में सबसे पहले रिजल्ट प्रकाशित करने के कारण विगत वर्षों में बिहार बोर्ड की विश्वसनीयता बढ़ी है, जिसका रिजल्ट है कि अब सीबीएसइ सहित देश के कई परीक्षा बोर्ड से सफल स्टूडेंट्स बिहार बोर्ड में एडमिशन लेकर उत्साहित हैं.